tag:blogger.com,1999:blog-4014735465804187918.post8020928416171692102..comments2023-11-26T14:07:01.592+05:30Comments on एक ज़िद्दी धुन: हबीब तनवीर और सतनामी समुदायEk ziddi dhunhttp://www.blogger.com/profile/05414056006358482570noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-4014735465804187918.post-47294846282519121112009-08-14T11:06:27.953+05:302009-08-14T11:06:27.953+05:30Habeeb ke natak ka kupath sangh ki sajish haiHabeeb ke natak ka kupath sangh ki sajish haiDheeraj Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/00185518009361746989noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4014735465804187918.post-84465129108965708682009-08-13T18:17:04.894+05:302009-08-13T18:17:04.894+05:30आभार.
( Treasurer-S. T. )आभार.<br /><br /><a href="http://sb.samwaad.com/" rel="nofollow">( Treasurer-S. </a><a href="http://ts.samwaad.com/" rel="nofollow">T. )</a>Arshia Alihttps://www.blogger.com/profile/14818017885986099482noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4014735465804187918.post-75365720566439268962009-08-13T16:43:56.099+05:302009-08-13T16:43:56.099+05:30चूंकि रायपुर में पत्रकार हूं। इसलिए यह जानकारी है ...चूंकि रायपुर में पत्रकार हूं। इसलिए यह जानकारी है कि न तो इस नाटक के मंचन पर रोक थी/ है, न ही इस नाटक के किताब पर।<br />दर-असल छत्तीसगढ़ शासन 3 अगस्त से 9 अगस्त तक स्कूलों में छात्रों के बीच किताबों के प्रति रूचि बढ़ाने के लिए पुस्तक वाचन सप्ताह मनाता है। इस साल इस वाचन सप्ताह के लिए चरणदास चोर नाटक की किताब भी शामिल की गई थी। बकायदा 7 हजार प्रति खरीद भी ली गई थी। लेकिन इसी बीच सतनामी समाज के प्रतिनिधियों नें ुख्यमंत्री/शिक्षामंत्री आदि से मुलाकात की और अपनी आपत्ति दर्ज कराई। इसके बाद शिक्षा विभाग से एक परिपत्र जारी हुआ जिसमें कहा गया था कि <br />पुस्तक वाचन सप्ताह के दौरान इस किताब का वाचन न किया जाए। अर्थात सिर्फ़ पुस्तक वाचन सप्ताह के दौरान इस किताब के वाचन पर प्रतिबंध लगाया गया। इस परिपत्र में यह कहीं भी उल्लेखित नहीं था कि इस किताब की खरीद-फरोख्त पर प्रतिबंध है या इस नाटक के ही मंचन पर प्रतिबंध है। फिर यह हल्ला क्यों मचा कि नाटक पर प्रतिबंध है, अपनी समझ से बाहर है।<br />छत्तीसगढ़ के एक प्रमुख दैनिक अखबार देशबन्धु में ललित सुरजन जी ने बकायदा एक विशेष संपादकीय लिखकर यही बात कही है। <br />यह भी हैरत की बात है हिंदुस्तान टाइम्स, टाइम्स अफ़ इंडिया ने नाटक नाटक खेलने पर प्रतिबंध की बात कैसे कह दी।Sanjeet Tripathihttps://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.com