tag:blogger.com,1999:blog-4014735465804187918.post9182513221240243678..comments2023-11-26T14:07:01.592+05:30Comments on एक ज़िद्दी धुन: खूनी खाप पंचायतें, अब भेड़ की खाल में...Ek ziddi dhunhttp://www.blogger.com/profile/05414056006358482570noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-4014735465804187918.post-71514757872457320422012-09-18T15:08:29.758+05:302012-09-18T15:08:29.758+05:30font bahut kharaab hai, padhna mushqil hai...font bahut kharaab hai, padhna mushqil hai...Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4014735465804187918.post-44083034681333485662012-08-18T02:16:49.045+05:302012-08-18T02:16:49.045+05:30पाँव की जूती पाँव में ही रक्खो
भगवान का सतयुग आ...पाँव की जूती पाँव में ही रक्खो <br /> <br />भगवान का सतयुग आ ही रहा हैं,<br />इस्लामका झंडा लहराने लगा हैं <br />पाँव की जूती पाँव में ही रक्खो <br />समतासे कैसे चलेगा काम?<br />अल्लाहु-अकबर! जय श्रीराम!<br /> <br />जाट मैं यमला, नारीपे हमला<br />कुरु क्षेत्रपर धरमका मामला,<br />घूंघट उतारके रास्तेपे आयी <br />कोलेजमें पहुचीं तो आसिड का काम,<br />अल्लाहु-अकबर! जय श्रीराम!<br /> <br />हिन्दू और मुस्लिम के तब्लीकी भाई<br />एक हैं खाटीक, एक हैं कसाई,<br />नारी ये बकरी बीचमें फ़साई<br />एक के फतवे में दुसरे का काम,<br /><br />पाँव की जूती पाँव में ही रक्खो <br />समतासे कैसे चलेगा काम?<br />अल्लाहु-अकबर! जय श्रीराम!<br /> <br />मिलिंद पदकी <br /><br />Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4014735465804187918.post-45294387861510733312012-08-17T21:38:33.774+05:302012-08-17T21:38:33.774+05:30खरगोश का संगीत राग रागेश्री पर आधारित है जो कि
खम...खरगोश का संगीत राग रागेश्री पर आधारित है जो कि <br />खमाज थाट का सांध्यकालीन राग है, स्वरों में कोमल निशाद <br />और बाकी स्वर शुद्ध लगते हैं, पंचम इसमें वर्जित है, पर हमने इसमें अंत में पंचम का प्रयोग भी किया है, जिससे इसमें राग बागेश्री भी <br />झलकता है...<br /><br />हमारी फिल्म का संगीत वेद <br />नायेर ने दिया है... वेद जी को अपने संगीत कि <br />प्रेरणा जंगल में चिड़ियों <br />कि चहचाहट से मिलती है.<br />..<br /><i>My blog post</i> <b><a href="http://www.youtube.com/watch?v=FbfbqR0ihfA" rel="nofollow">खरगोश</a></b>Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4014735465804187918.post-12101270704853673822012-08-15T11:26:00.520+05:302012-08-15T11:26:00.520+05:30सुन्दर सार्थक चिंतनशील प्रस्तुति
स्वतंत्रता दिवस ...सुन्दर सार्थक चिंतनशील प्रस्तुति <br />स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं! कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4014735465804187918.post-69644199757943942212012-08-14T14:08:44.721+05:302012-08-14T14:08:44.721+05:30अजब तो ये है जब आजकल न्यूज़ चैनलों पर कुछ चुनिन्दा...अजब तो ये है जब आजकल न्यूज़ चैनलों पर कुछ चुनिन्दा जाट चेहरे बहस में प्रतिभागी होते हैं जो कि पिछड़ेपन का जीता जागता सबूत हैं. आखिर कुछ लोगों द्वारा चुने गए लोग एक बड़े समुदाय के प्रतिनिधि कैसे हो सकते हैं. मैं खुद जाट हूँ और मुझे बड़ी आपत्ति है इन लोगों के टीवी पर आने से. आखिर ऐसे लोग जाटों को कैसे इतना संकीर्ण मानसिकता का प्रस्तुत कर भ्रम फैला रहे हैं, दुखद है.indianrjhttps://www.blogger.com/profile/16452757563692397750noreply@blogger.com