विष्णु नागर की एक पुरानी कविता
मेरे भाई ने लिखी चिट्ठी
लिखा आना
आना कि इस बार
बहन भी आ रही है
आना तो ख़ूब मज़ा रहेगा
गांव से भाई कहे आना
तो मैं क्यों न जाऊं?
मैं आऊंगा भाई
सोचना मत कि कैसे आऊंगा
800 मील की दूरी भी
बीड़ी पीते पार हो जायेगी
बीड़ी फिर भी न होगी खत्म
(1977-78)
bhai bahut kavita post ki hai.badi gahari bat hai.nagarji ka jwab nahi.
ReplyDeletekitnee shandaar kavita, kitnee aatmeey. beedee ka istemaal kitna arthwaan.
ReplyDeletein dino to ye kavita ek alag arth bhi deti hai shayad. maharashtr ke prawaasi ko dhyan mein rakhkar padhiye jara..
सिर्फ अच्छी कविता लिख दो लगता है कुछ बेइमानी कर रहे हैं। पर जो अच्छा लगे उसे सिर्फ अच्छा कह देना ही काफी होता है। तो इसलिए- अच्छी कविता।
ReplyDeleteविष्णु नागर जी का लिखा काफी कुछ पढ़ा है और अब भी पढ़ रहा हूं। यह कविता उनकी सादगी और संवेदना को बताती है।
ReplyDeleteऐसी कविता, इत्ते से लफ्ज़ और इत्ता बड़ा संसार, यही है नगर जी की दुनिया...बड़ी कविता जो हिंदी कविता की दुनिया को दमदार बनाती है
ReplyDeleteबीड़ी के बहाने अपनी माटी से जुड़ने की चाह । सुंदर अति सुंदर
ReplyDeleteआपके ब्लाग पर अच्छी-अच्छी कविता पढने को मिली !! आनंद आया !!पुरानी पोस्ट भी जानदार है
ReplyDeleteआपके ब्लाग पर अच्छी-अच्छी कविता पढने को मिली !! आनंद आया !!पुरानी पोस्ट भी जानदार है
ReplyDeleteविष्णु नागर जी अपने समय के सर्वश्रेष्ठ कवियों में से एक हैं। उनकी रचना पढवाने का शुक्रिया।
ReplyDeleteयह कविता उनकी सादगी और संवेदना को बताती है।
ReplyDeleteविष्णु नागर की कविता पढने को मिली, शुक्रिया। आपको और सभी पाठकों को क्रिसमस पर्व की बधाई!
ReplyDeleteधीरेश भाई, कहां हैं आप आजकल। बहरहाल नववर्ष की आपको बहुत-बहुत बधाई। ये पंक्तियां मेरी नहीं हैं लेकिन मुझे काफी अच्छी लगती हैं।
ReplyDeleteनया वर्ष जीवन, संघर्ष और सृजन के नाम
नया वर्ष नयी यात्रा के लिए उठे पहले कदम के नाम, सृजन की नयी परियोजनाओं के नाम, बीजों और अंकुरों के नाम, कोंपलों और फुनगियों के नाम
उड़ने को आतुर शिशु पंखों के नाम
नया वर्ष तूफानों का आह्वान करते नौजवान दिलों के नाम जो भूले नहीं हैं प्यार करना उनके नाम जो भूले नहीं हैं सपने देखना,
संकल्पों के नाम जीवन, संघर्ष और सृजन के नाम!!!
नये साल की मुबारकबाद कुबूल फरमाऍं।
ReplyDeletegaanv kee saadgee se bharee huee kavita.
ReplyDeleteइस प्रभावपूर्ण चिटठी के लिए हार्दिक बधाई।
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