एक ज़िद्दी धुन
जी को लगती है तेरी बात खरी है शायद / वही शमशेर मुज़फ़्फ़रनगरी है शायद
Saturday, December 29, 2012
बलात्कार की संस्कृति और राजसत्ता
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नई दिल्ली। बलात्कार की संस्कृति के खिलाफ व्यापक सांस्कृतिक और राजनीतिक आंदोलन चलाने की जरूरत है। दिल्ली की सड़कों पर उमड़े जनविरोध न...
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उस बहादुर लड़की की मौत पर शोक संवेदना
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जन संस्कृति मंच आजादी, बराबरी और इंसाफ तथा उसके लिए प्रतिरोध महान जीवन मूल्य है : जन संस्कृति मंच बलात्कारियों का प्रतिरोध करने वाली युवती ...
Saturday, December 22, 2012
राजेंद्र यादव के साथ बदसलूकी की निंदा
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वरिष्ठ लेखक राजेंद्र यादव के साथ बदसलूकी के विरोध में लेखकों का यह वक्तव्य आज (22-12-2012)जनसत्ता में छपा है। विभिन्न माध्यमों से पता चल...
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Tuesday, December 11, 2012
क्या आप क्षमा सावंत को जानते हैं? : भारतभूषण तिवारी
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पश्चिमी देशों में ख़ासकर अमेरिका में भारतीय मूल के लोगों की सफलता को लेकर हमारे मीडिया का उत्साह देखते ही बनता है। नोबेल पुरस्कार स...
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Monday, December 3, 2012
उनका दिव्य सर्किट हमारा अथाह समंदर : शिवप्रसाद जोशी
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(गुजरात की एक संक्षिप्त यात्रा पर कुछ नोट्स) सबसे पहले विद्रूप से ही टकराए . जैसे कि यही होना था ...
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