एक ज़िद्दी धुन
जी को लगती है तेरी बात खरी है शायद / वही शमशेर मुज़फ़्फ़रनगरी है शायद
Wednesday, April 16, 2014
अमेरिका है साम्प्रदायिक-जनविरोधी ताकतों का संरक्षक : कमाल लोहानी
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(बांग्लादेश के वरिष्ठ पत्रकार और मशहूर संस्कृतिकर्मी कमाल लोहानी वहां के प्रसिद्ध भाषा आंदोलन और मुक्ति संग्राम के बड़े नामों में से ह...
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Saturday, April 5, 2014
माणिक सरकार को आप कितना जानते हैं? : धीरेश सैनी
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मेरी दिलचस्पी त्रिपुरा के मुख्यमंत्री मणिक सरकार (बांग्ला डायलेक्ट के लिहाज से मानिक सरकार) के बजाय उनकी पत्नी पांचाली भट्टाचार्य से म...
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Monday, March 17, 2014
अस्सी के काशीनाथ सिंह और नरेंद्र मोदी
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Options for this story `धर्म और जाति को अबकी मुझे लगता है कि बनारस की जनता एक ठेंगा दिखाएगी और कहीं न कहीं मोदी के पक्ष में लोग ज...
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Thursday, March 6, 2014
अविनाश मिश्र की चार कविताएं
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सफदर हाशमी से निर्मल वर्मा में तब्दील होते हुए मैं थक गया हूं यह नाटक करते-करते रवींद्र भवन से लेकर भारत भवन तक एक भीड़ के...
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