एक ज़िद्दी धुन

जी को लगती है तेरी बात खरी है शायद / वही शमशेर मुज़फ़्फ़रनगरी है शायद

Saturday, November 16, 2019

निगरानी के भूमंडलीय तंत्र का ‘पर्मानेंट रिकॉर्ड’ : शिवप्रसाद जोशी

›
(संदर्भ एडवर्ड स्नोडेन, मास सर्विलांस और डिजिटल डैटा) प्रस्तुत आलेख माइक्रोसॉफ़्ट की वर्डफ़ाइल में उस कम्प्यूटर पर टाइप किया गया ...
Saturday, October 12, 2019

कविता के अनुर्वर प्रदेश की ज़रख़ेज़ ज़मीन

›
भारत भूषण अग्रवाल पुरस्कार समारोह में शुभम श्री आई नहीं थीं। अच्युतानंद मिश्र पहले ही कविता पढ़ चुके होंगे। अदनान कफ़ील दरवेश पढ़ रहे थे। उनकी...
Monday, September 2, 2019

सत्याग्रही का साम्प्रदायिक इस्तेमाल : धीरेश सैनी

›
कल (इतवार) कई सालों बाद एनएसडी में जाकर कोई नाटक देखा। गाँधी पर केंद्रित यह नाटक `पहला सत्याग्रही` देखने जाने की एकमात्र वजह इसके लेखक ...
Saturday, April 27, 2019

समझौता एक्सप्रेस: न्याय की गाड़ी पटरी से कैसे उतरी?- धीरेश सैनी

›
`हालांकि ऐसा हो सकता है कि उनका मामला लंबा खिंचे लेकिन उन्हें जरूर रिहा कर दिया जाएगा।` `द कैरवैन` में फरवरी 2014 में छपी लीना रघुनाथ की...
2 comments:
Thursday, April 18, 2019

उत्तरआधुनिकता (पोस्टमॉडर्निज़्म) के बारे में नोट्स : शिवप्रसाद जोशी

›
हमको रहना है तो यूं ही तो नहीं रहना है   ( उत्तरआधुनिकता (पोस्टमॉडर्निज़्म) के बारे में नोट्स) शिवप्रसाद जोशी उत्तरआधुनिकता यह नही...
1 comment:
Wednesday, April 10, 2019

बेटे, जब तक ये दलीप सिंह है, घबराने की ज़रूरत नहीं

›
ज़हूर साहब और निशात आपा (डीयू से सेवानिवृत्त असोसिएट प्रफेसर ज़हूर सिद्दीक़ी प्रग्रेसिव मूवमेंट से जुड़े रहे हैं। वे रटौल में अपने प...
5 comments:
‹
›
Home
View web version

About Me

My photo
Ek ziddi dhun
धीरेश सैनी Dhiresh Saini
View my complete profile
Powered by Blogger.