एक ज़िद्दी धुन
जी को लगती है तेरी बात खरी है शायद / वही शमशेर मुज़फ़्फ़रनगरी है शायद
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गाली
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Saturday, March 2, 2019
गाली और बुद्धिजीवी : अमोल सरोज
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(देशभक्ति के नाम पर `संस्कारी टोले` सड़कों पर `दुश्मन` की माँ-बहन की गालियां निकालते हुए घूम रहे थे। हर प्रतिरोधी विचार को बल्कि...
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