एक ज़िद्दी धुन
जी को लगती है तेरी बात खरी है शायद / वही शमशेर मुज़फ़्फ़रनगरी है शायद
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Saturday, April 27, 2019
समझौता एक्सप्रेस: न्याय की गाड़ी पटरी से कैसे उतरी?- धीरेश सैनी
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`हालांकि ऐसा हो सकता है कि उनका मामला लंबा खिंचे लेकिन उन्हें जरूर रिहा कर दिया जाएगा।` `द कैरवैन` में फरवरी 2014 में छपी लीना रघुनाथ की...
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Thursday, April 18, 2019
उत्तरआधुनिकता (पोस्टमॉडर्निज़्म) के बारे में नोट्स : शिवप्रसाद जोशी
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हमको रहना है तो यूं ही तो नहीं रहना है ( उत्तरआधुनिकता (पोस्टमॉडर्निज़्म) के बारे में नोट्स) शिवप्रसाद जोशी उत्तरआधुनिकता यह नही...
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Wednesday, April 25, 2018
त्रिपुरा: यह किसकी हार है? - धीरेश सैनी
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हिंदुस्तान का नैशनल मीडिया त्रिपुरा का जिक्र पहले शायद ही कभी करता हो लेकिन एक-दो साल से वह भारतीय जनत...
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