एक ज़िद्दी धुन
जी को लगती है तेरी बात खरी है शायद / वही शमशेर मुज़फ़्फ़रनगरी है शायद
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Ashish Lahidi
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Wednesday, January 14, 2015
पिथागोरस का प्रमेय - सब्ब बेद में बा : आशीष लाहिड़ी
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( बांग्ला अखबार ' एई समय ' में प्रकाशित आशीष लाहिड़ी के लेख का वरिष्ठ कवि व वैज्ञानिक लाल्टू का किया अनुवाद। आशीष लाहिड़ी नैशनल ...
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