एक ज़िद्दी धुन
जी को लगती है तेरी बात खरी है शायद / वही शमशेर मुज़फ़्फ़रनगरी है शायद
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Saturday, November 2, 2013
सुधीश पचौरी की उत्तर आधुनिक बेशर्मी
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वरिष्ठ कवि वीरेन डंगवाल कैंसर से जूझ रहे हैं, पूरी ज़िंदादिली के साथ। उनके दोस्तों और उन्हें चाहने वालों ने अपने इस प्यारे कवि को पिछल...
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