एक ज़िद्दी धुन
जी को लगती है तेरी बात खरी है शायद / वही शमशेर मुज़फ़्फ़रनगरी है शायद
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नामवर
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Sunday, September 27, 2020
आलोचना की आलोचना : फ़ासीवाद सम्बंधी अंक पर कृष्ण मोहन की समीक्षा
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पिछले दिनों नामवर सिंह पर हिन्दी के ` विद्वानों ` के ताबड़तोड़ लाइव कार्यक्रमों के दौरान किसी ने उनके संपादन में ` आलोचना ` का पुनर्प्रकाश...
Saturday, May 5, 2018
नामवरी में कोई कमी नहीं - धीरेश सैनी
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प्राइम टाइम में नामवर रवीश कुमार की वजह से एनडीटीवी इंडिया कई मामलों में अनूठा है। 4 मई 2018, शुक्रवार रात के प्राइम टाइम में हिं...
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