एक ज़िद्दी धुन
जी को लगती है तेरी बात खरी है शायद / वही शमशेर मुज़फ़्फ़रनगरी है शायद
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विभाजन
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Wednesday, February 1, 2012
कठघरे में सरदार पटेल
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(महात्मा गांधी की हत्या की साजिश में शामिल रहे मदनलाल पाहवा ने इस बारे में बंबई में प्रो. डॉ. जगदीशचंद्र जैन को महत्वपूर्ण जानकारिय...
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Monday, August 17, 2009
आज़ादी की छाँव में : बेगम अनीस किदवई
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फिर सितम्बर आ गया। हिन्दुस्तान को आज़ाद हुए अभी पन्द्रह दिन न बीते थे कि दिल्ली में मार-धाड़ शुरू हो गई। मकानों, दुकानों और गली-कूचों ...
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Sunday, September 14, 2008
दिल्ली के धमाके - मुश्किल वक्त में कुछ ज़रूरी बातें
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सांप्रदायिक ताकतों का काम हमेशा बेहद आसान होता है और इनके खिलाफ लडाई उतनी ही मुश्किल होती है। कई बार या कहें अधिकतर समय यह रास्ता बेहद तन...
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