प्रयोगशाला
कुछ भी हो सकता है वहाँ
मतलब कुछ भी करवाया जाना
संभव होता है उनके लिए वहाँ
इल्जामों के पौधे बोए जा सकते हैं
अफवाहों के फ़व्वारे उड़ाकर
उस कुहासे में
कवि के होने को न होना किया सकता है
कब्र हुई उसकी तो वह भी उखाड़कर
नामोनिशाँ मिटा दिया जा सकता उसका
किसी को कानोंकान खबर नहीं होती
इबादतगाहों का क्या
गाँव तक ज़मींदोज़ किए जा सकते हैं
खांडववन का तो
अच्छा-ख़ासा अनुभव है उनके पास
लिखा हुआ मिटाया जा सकता है
जो घटा नहीं वह लिखवाया जा सकता है
नष्ट की जा सकती हैं सदा हरी रहने वाली फसलें
सरकंडे उगाकर
बहुत ही अद्भुत है
उनकी प्रयोगशाला
बहुत प्राचीन है
उनके ज़हरीले रसायनों का वंश.
~ गणेश विसपुते
मराठी कवि, चित्रकार, अनुवादक. आलोचना, कला और सिनेमा पर भी लेखन.
चित्र यहां से
1 comment:
बहुत अच्छी कविता है गणेश भाई की। शुक्रिया भारत और धीरेश।
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