वरिष्ठ लेखक राजेंद्र यादव के साथ बदसलूकी के विरोध में लेखकों का यह वक्तव्य आज (22-12-2012)जनसत्ता में छपा है।
विभिन्न माध्यमों से पता चला है कि पिछले दिनों हिंदी के वयोवृद्ध लेखक राजेंद्र यादव के साथ उनके घर जाकर अजीत अंजुम नाम के व्यक्ति ने, जो टीवी का पत्रकार बतलाया जाता है, बदसलूकी और गाली-गलौज की।
यह अत्यनंत शर्मनाक और खेदजनक घटना है। हो सकता है, अजीत अंजुम की राजेंद्र यादव से कुछ शिकायतें हों। हम उस मामले में कोई भी पक्ष नहीं ले रहे हैं। लेखक के रूप में हमारा मानना सिर्फ यह है कि जब विवाद लेखन को लेकर हो और दो पढ़े-लिखे प्रबुद्ध लोगों के बीच हो तो उसे लोकतांत्रिक तरीके से हल किया जाना चाहिए।
हम इस तरह के व्यवहार की भर्त्सना करते हैं और अपेक्षा करते हैं कि अजीत अंजुम अपने इस व्यवहार के लिए अफसोस प्रकट करेंगे।
-नामवर सिंह (मो.- 9868637566)
-केदारनाथ सिंह (मो.- 9811210285)
-अशोक वाजपेयी (मो.- 9811525653)
-आनंनदस्वरूप वर्मा (मो.- 9810720714)
-मंगलेश डबराल (मो.- 9910402459)
-मैत्रेयी पुष्पा (मो.- 9910412680)
-पंकज बिष्ट (मो.- 9868302298)
-प्रेमपाल शर्मा (फोन- 011-22744596)
-भारत भारद्वाज (मो.- 9313034049)
विभिन्न माध्यमों से पता चला है कि पिछले दिनों हिंदी के वयोवृद्ध लेखक राजेंद्र यादव के साथ उनके घर जाकर अजीत अंजुम नाम के व्यक्ति ने, जो टीवी का पत्रकार बतलाया जाता है, बदसलूकी और गाली-गलौज की।
यह अत्यनंत शर्मनाक और खेदजनक घटना है। हो सकता है, अजीत अंजुम की राजेंद्र यादव से कुछ शिकायतें हों। हम उस मामले में कोई भी पक्ष नहीं ले रहे हैं। लेखक के रूप में हमारा मानना सिर्फ यह है कि जब विवाद लेखन को लेकर हो और दो पढ़े-लिखे प्रबुद्ध लोगों के बीच हो तो उसे लोकतांत्रिक तरीके से हल किया जाना चाहिए।
हम इस तरह के व्यवहार की भर्त्सना करते हैं और अपेक्षा करते हैं कि अजीत अंजुम अपने इस व्यवहार के लिए अफसोस प्रकट करेंगे।
-नामवर सिंह (मो.- 9868637566)
-केदारनाथ सिंह (मो.- 9811210285)
-अशोक वाजपेयी (मो.- 9811525653)
-आनंनदस्वरूप वर्मा (मो.- 9810720714)
-मंगलेश डबराल (मो.- 9910402459)
-मैत्रेयी पुष्पा (मो.- 9910412680)
-पंकज बिष्ट (मो.- 9868302298)
-प्रेमपाल शर्मा (फोन- 011-22744596)
-भारत भारद्वाज (मो.- 9313034049)
3 comments:
Sahmat.
जानने की इच्छा हुई, मसला क्या था।
हुआ क्या था?
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