२४ से २६ सितम्बर, २०१० शैले हाल, नैनीताल क्लब, मल्लीताल, नैनीताल, उत्तराखंड.
(गिर्दा और निर्मल पांडे की याद में)
युगमंच और द ग्रुप, जन संस्कृति मंच द्वारा आयोजितप्रमुख आकर्षण :फीचर फिल्म:दायें या बायें (निर्देशिका: बेला नेगी), खरगोश(निर्देशक: परेश कामदार), छुटकन की महाभारत (निर्देशक: संकल्प मेश्राम) डाक्यूमेंटरी:वसुधा जोशी की फिल्मों पर ख़ास फोकस ( फिल्में : अल्मोडियाना, फॉर माया, वायसेस फ्राम बालियापाल)जश्ने आज़ादी (निर्देशक: संजय काक), कित्ते मिल वे माह़ी (निर्देशक: अजय भारद्वाज ), फ्राम हिन्दु टू हिन्दुत्व (निर्देशक: देबरंजन सारंगी ), आई वंडर ( निर्देशिका: अनुपमा श्रीनिवासन ), अँधेरे से पहले (निर्देशक: अजय टी जी ) और मेकर्स ऑफ़ दुर्गा (निर्देशक: राजीव कुमार)।अन्य आकर्षण :प्रयाग जोशी और बी मोहन नेगी का सम्मान, बी मोहन नेगी के चित्रों और कविता पोस्टरों की प्रदर्शनी, अफ्रीका के जन जीवन पर पत्रकार राजेश जोशी का व्याख्यान -प्रदर्शन , युगमंच के बाल कलाकारों द्वारा लघु नाटक, तरुण भारतीय और के मार्क स्वेअर द्वारा संयोजित म्यूजिक विडियो का गुलदस्ता, लघु फिल्मों का पैकेज,फिल्मकारों के साथ सीधा संवाद और फैज़, शमशेर बहादुर सिंह, नागार्जुन, केदारनाथ अग्रवाल, अज्ञेय और गिर्दा की कविताओं के पोस्टरों का लोकार्पण । ख़ास बात: यह आयोजन पूरी तरह निशुल्क है । फिल्म फेस्टिवल में प्रवेश के लिए किसी भी तरह के औपचारिक आमंत्रण की जरुरत नहीं है.संपर्क: ज़हूर आलम , संयोजक , दूसरा नैनीताल फिल्म फेस्टिवल इन्तखाब, मल्लीबाज़ार, मल्लीताल, नैनीताल, उत्तराखंड फ़ोन: 09412983164, 05942- 237674 संजय जोशी, फेस्टिवल निदेशक, दूसरा नैनीताल फिल्म फेस्टिवल C-303 जनसत्ता अपार्टमेंट्स , सेक्टर 9, वसुंधरा गाज़ियाबाद , उत्तर प्रदेश -201012 फ़ोन: 09811577426, 0120-४१०८०९०
नैनीताल में सितम्बर के महीने में मौसम सुहावना रहता है लेकिन फिर भी गरम कपड़ों की जरुरत पड़ सकती है. सस्ते और सुन्दर होटल के लिए आप फेस्टिवल के संयोजक ज़हूर आलम से बात कर सकते हैं या खुद भी internet के जरिये अच्छे विकल्प तलाश सकते हैं. फेस्टिवल 24 सितम्बर को दुपहर में 3.30 बजे शुरू होगा. उस दिन वसुधा जोशी की अल्मोड़े के दशहरे पर केन्द्रित डाक्यूमेंटरी अल्मोडियाना और बेला नेगी की पहाड़ के जीवन पर आधारित फीचर फ़िल्म दायें या बाएं का प्रदर्शन होगा. इस फ़िल्म में हाल ही में दिवंगत गिर्दा का भी जीवंत अभिनय है. अगले दोनों दिन यानि 25 और २६ सितम्बर को फेस्टिवल सुबह 10.30 बजे से शुरू होकर रात 9 बजे तक चलेगा .- संजय जोशी
3 comments:
अच्छा लगता है यह पढ़कर कि पांपरिक महानगरों के साथ-साथ दूसरी जगहों पर भी फ़िल्म फ़ैस्टीवल आयोजित हो रहे हैं. यह वर्चस्व टूटना ही चाहिये.
स्वागत है।
माफ कीजिएगा, मैंने बिना इजाज़त लिए यह पोस्ट अपने ब्लॉग पर भी चिपका दी है।
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