Thursday, September 30, 2010

ये तो होना ही था

`कोई उम्मीद बर नहीं आती
कोई सूरत नज़र नहीं आती`

2 comments:

Ashok Pande said...

कोई सूरत नज़र नहीं आती

अजेय said...

आप लोग देख नही पा रहे शायद, सूरतों की कोई कमी नही है:)