Saturday, March 8, 2008

सवर्ण प्रौढ़ प्रतिष्ठित पुरुषों के बीच - शुभा

सवर्ण प्रौढ़ प्रतिष्ठित पुरुषों के बीच
मानवीय सार पर बात करना ऐसा ही है
जैसे मुजरा करना
इससे कहीं अच्छा है
जंगल में रहना पत्तियां खाना
और गिरगिटों से बातें करना।
-शुभा

3 comments:

Unknown said...

वक्त के साथ इस तरह की बेबाक कबिताये कम ही पढ़ने को मिलती है . देशमुख

Sushma said...

Samajik sanskritik shetr me bahut lambe samay se kaam karne wali kisi b mahila ke anubhaw ka saar hai ye ...

Anonymous said...
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